RANGVARTA qrtly theatre & art magazine

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रंगवार्ता दलित-आदिवासी रंगमंच विशेषांक



विषय सूची

रंग नेपथ्य
6. रंगकर्मियों के जत्थे उदास हैं
- ज्ञानरंजन

9. इतना सन्नाटा क्यों है भाई
- एके हंगल

11. नकारात्मकता की सकारात्मक भूमिका
- विभा रानी

13. कोनो रहिस न कोनो रहय भाई
- अनूप कुमार पांडेय

15. मौला! मुझे एक साल दे दो
- रिजवान जहीर उस्मान

रंग आदि
17. रंगमंच का उद्भवः मिथ और वास्तविकता
- अश्विनी कुमार पंकज

25. राबिनल अची (पहाड़ों का योद्धा)
- रिचर्ड ई. लइनावीभर

31. सौंदर्यबोध की राजनीति और आदिवासी रंगभाषा
- अश्विनी पंकज

48. ब्लैक आर्ट मूवमेंट और क्रांतिकारी रंगमंच
- अमीरी बराका

51. आस्ट्रेलियाइ नाट्य परंपरा और आदिवासी विश्वदृष्टिकोण
- कैथी क्रेग/मेरीरोज केसी

55. ‘द कलर्ड प्लेयर्स’ और उनके नाटक
- जोना गेएल

57. ‘गोरे’ ब्लैकफेस की क्रूरता के विरूद्ध
- अभिषेक कृष्ण

61. थिएटर की ताकत मातृभाषाआंे में ही है
- न्गूगी वा थ्योंगो

63. देशज रंगमंच की राजनीति
- रुस्तम भरूचा

रंग दलित
68. दलित रंगमंच क्या है?
- रामनाथ चव्हाण

70. दलित रंगमंच का इतिहास
- सूर्यनारायण रणसुभे

75. दलित चेतना और मराठी का दलित रंगमंच
- प्रो. दत्ता भगत

85. मलयालम का दलित रंगमंच
- डॉ. ए. अच्युतन

88. दलित कलाओं पर सवर्ण वर्चस्व
- डॉ. एमएल परिहार

89. पंजाबी दलित नाट्य
- सतीश कुमार वर्मा

95. हिन्दी दलित नाटक
- रमणिका गुप्ता

रंग रपट
108. दलित-आदिवासी रंगभाषा अखड़ा की रपट

रंग विमर्श
144. कैसे भाई हैं?
- जोतिबा फुले

147. भिखारी ठाकुर के नाटक
- हरिनारायण ठाकुर

155. सब दुख होगा अवसान, हुए सब ज्ञान-प्रकासी हैं
- कंवल भारती

157. दत्ता भगत के नाटक
- जोया जॉन

163. अजी लाज लागेला जी!
- निराला

165. लोक शाहिर विलास घोगरे
- एएल अके

168. दस्तक देता दलित रंगमंच
- राजेश कुमार

175. भारतीय नाट्य साहित्य में दलित-चेतना
- देवेन्द्र राज अंकुर

180. आंखों में पानी लाने के लिए
- उर्मिला पवार

183. दलित रंगभाषाः एक रंगकर्मी का अनुभव
- प्रलयन

186. एक कलाकार की तैयारी
- लाइजा-मेरे सिरेन

189. वे महिला नाटककारों को सुनने के लिए तैयार नहीं
- बारबरा मोलेटे

194. रंग-इतिहास में दफ्न हैं दलित रंगकर्मी स्त्रियां
- वंदना पंकज

198. विश्व का महानतम आदिवासी अभिनेता
- कृष्ण मोहन मुण्डा

199. ब्लैक स्त्री के लिए हिंसा पर बात करना जोखिम का काम है
- किआ कोर्थरोन

204. कला विचारों के संघर्ष में एक हथियार है
- अमीरी बराका

206. परफॉरमेंस विश्लेषण के नए संभावनाओं का द्वार खोलता है
- न्गुगी वा थ्योंगो

210. सरकार ने हाईजैक कर ली नुक्कड़ की क्रांति
- संजय जिवने

213. मैं तो गांव की औरत हूं
- तीजन बाई

रंग अखड़ा
215. घुसपैठिया जो ‘फेविकॉल’ है
- अकुपं

217. रंगमंच पर भी वर्चस्व का नाटक ‘धरती आबा’
- अकुपं

221. रांची में हुआ दलित-आदिवासी देशज नाट्य समारोह (अखड़ा)
- अनंत

223. संघर्ष की अभिव्यक्ति का लोकोत्सव 2012
- अभिषेक नंदन

निवेदन और आभार
यह अंक दुनिया भर के दलित-आदिवासी और अन्य वंचित समुदायों के रंग इतिहास की एक बानगी है. इसमें प्रकाशित सामग्री सिर्फ कोशिश है उनकी रंगभाषा को समझने की ताकि कला इतिहास में उनके योगदान और समकालीन प्रैक्टिस की ओर भारतीय अध्येताओं, रंगकर्मियों, संस्थाओं व सरकार का ध्यान जाए. हम आभारी हैं इस अंक में इस्तेमाल सभी संदर्भ एवं स्रोतों का, लेखकों और उनके प्रकाशकों का, छायाकारों का. उन सबका भी जिनके नाम जानकारी के अभाव में या भूलवश छूट गए हैं.

1 comments:

ushaathaley@blogspot said...

mujhe Rangvarta ka dalit-adivasi ank chahiye, kaise milega? kya karna hoga?

Usha Athaley, IPTA Raigarh

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